सेठ की समझ | Sache Seth Ki Bodh Katha
“जिसके जीवन में सत्संग है, वही यह बात समझ सकता है।” -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू किसी सेठ [Seth] ने…
Satsang Pravachan | Satsang Gyan
“जिसके जीवन में सत्संग है, वही यह बात समझ सकता है।” -पूज्य संत श्री आशारामजी बापू किसी सेठ [Seth] ने…
एक बार संत कबीर जी ने एक किसान से कहाः “तुम सत्संग में आया करो।” किसान बोलाः “हाँ महाराज !…
जिसका हृदय क्षमा, उदारता से भरा होता है तथा जो दूसरों के साथ मधुर, सांत्वना भरा व्यवहार करता है, दूसरों…
गाँधीजी जानते थे कि देश पूरी तरह तभी स्वतंत्र हो सकता है, जब वह मानसिक रूप से भी गुलामी को…
एक बार भगवान शंकर के यहाँ उनके दोनों पुत्रों में होड़ लगी कि, कौन बड़ा ? निर्णय लेने के लिए…
गणपति के भक्त मोरया बापा, विठ्ठल के भक्त तुकारामजी एवं श्री रघुवीर जी के भक्त श्री समर्थ – तीनों आपस में…
अन्न, जल और वायु हमारे जीवन के आधार हैं । सामान्य मनुष्य प्रतिदिन औसतन १ किलो अन्न और २ किलो…